जय मधेशी जनता, स्वामी जय मधेशी जनता
दु:ख से भए तुम पीडित, तुम मे है सहने कि छमता
जय मधेशी जनता....(१)
ना तुम किसी के शेवक, तुम मधेशीयों कि ममता
तुम्हारी दामन पे जान निछावर, हर मधेशी तुम पे मरता
जय मधेशी जनता......(२)
हम मे दम, है किसि से नहि कम
लडेंगे अब, अपना अधिकार लेंगे अब
जय मधेशी जनता......(३)
बहोत सह लिये अब, हम लेंगे जल्द हि लेंगे स्वतन्त्रता
होगा ये संभव तब हि, जब होगा हम मे “एकता”
जय मधेशी जनता..(४)
No comments:
Post a Comment